ऑक्सीकरण या उपचयन (Oxidation )
ऑक्सीजन का जुडना ऑक्सीकरण कहलाता है ।
इसमें ऑक्सीजन का संयोग होता है ।
इसमें विद्युत ऋणात्मक तत्वों के अनुपात में वृद्धि होती है।
इसमें विद्युत धनात्मक तत्वों के अनुपात में कमी होती है ।
इसमें विद्युत धनात्मक तत्वों के संयोजकता में वृद्धि होती है ।
इसमें इलेक्ट्रॉन का त्याग होता है ।
इसमें ऑक्सीकरण संख्या बढती है ।
ऑक्सीकारक ( Oxidising Agent )
वैसा पदार्थ जिसमें इलेक्ट्रान ग्रहण करने की क्षमता होती है , उसे ऑक्सीकारक कहते है ।
सभी अधातुएँ ऑक्सीकारक का कार्य करती है ।
अपवाद (exception) कार्बन , हाइड्रोजन , फास्फोरस
Note कुछ पदार्थ ऐसे होते है जो ऑक्सीकारक तथा अवकारक दोनों जैसा व्यवहार करते है । जैसे – हाइड्रोजन परॉक्साइड , ओजोन , नाइट्रस एसिड ।
अवकरण या अपचयन ( Reduction )
इसमें हाइड्रोजन का संयोग होता है ।
इसमें ऑक्सीकरण संख्या घटती है ।
इसमें विद्युत ऋणात्मक तत्वों के अनुपात में कमी होती है ।
इसमें विद्युत धनात्मक तत्वों के अनुपात के वृद्धि होती है ।
इसमें विद्युत धनात्मक तत्वों की संयोजकता में कमी होती है ।
अवकारक ( Reducing Agent )
वैसे पदार्थ जिसमे इलेक्ट्रॉन त्यागने की क्षमता होती है , वह अवकारक कहलाता है ।
जैसे – सभी धातुएँ अवकारक का कार्य करती है ।
ऑक्सीकरण संख्या (Oxidation Number )
किसी पदार्थ पर उपस्थित उसके आवेशों की संख्या उसकी ऑक्सीकरण संख्या होती है ।
( Oxidation Number ) ऑक्सीडेशन नंबर निकलने का नियम :