Nanda Devi Glacier. नंदा देवी ग्लेशियर हादसा
नंदा देवी ग्लेशियर हादसा 7 फरवरी 2021 को उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदा देवी ग्लेशियर टूटने से हुआ हिमस्खलन
इसके टूटने के कारण धौली गंगा , ऋषिगंगा और अलकनंदा नदियों में अचानक से बाढ़ आ गई जिसे बड़ी तबाही हुई ।
NTPC के तपोवन – विष्णुगढ़ जल विद्युत प्रोजेक्ट और ऋषिगंगा जल विद्युत प्रोजेक्ट को भारी नुलसान हुआ है ।
इन प्रोजेक्ट पर काम कर रहे मजदूरों की टनल में लापता है । कुछ लोगो को टनल से निकाल गया है
प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है ।
इस प्राकृतिक आपदा में जान गँवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 2 लाख दिए जाने की घोषणा किया गया है ।
नंदा देवी ग्लेशियर हादसे के अध्ययन के लिए जोशीमठ- तपोवन के लिए रवाना हुई ग्लेशियर विशेषज्ञ की टीम राणा हुई है । यह टीम हिमालय ग्लेशियरों और इस क्षेत्र में होने वाले भूकंप की गतिविधियों का अध्ययन करेगी ।
2019 में भारत , चीन , नेपाल , और भूटान के ग्लेशियर के संबंध में एक रिपोर्ट दिया गया जो 40 साल तक किये गये अध्ययन पर आधारित था । जिसमे ग्लेशियर के पिघलने का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन को बता गया था
ग्लेशियर क्या है ?
हिम का बड़ा भाग जो भू – भाग पर धीरे – धीरे बहता रहता है ।
ग्लेशियर को हिमनद कहा जाता है ।
ग्लेशियर का निर्माण अत्यधिक बर्फ जमने के करण होता है । या बर्फवारी के कारण भी ग्लेशियर का निर्माण हो सकता है ।
नंदा देवी ग्लेशियर (Nanda Devi Glacier) से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य
नंदा देवी पहाड़ पर स्थित है । यह भारत के दूसरी सबसे ऊंची चोटी है
धौली गंगा का उदगम वसुंधरा ताल से हुआ है जो हिमनद झील है । धौलीगंगा नदी नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान से होकर बहती है । ऋषिगंगा नदी रैनी नामक स्थान पर धौली गंगा में आ कर मिलती है ।
तपोवन से बहती हुई धौली गंगा जोशीमठ के पास विष्णुप्रयाग नामक स्थान पर अलकनंदा नदी में मिल जाती है ।
अलकनंदा नदी चमोली , मैथाना , नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग से होकर बहती है ।
मंदाकिनी नदी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिलती है ।
केदारनाथ में अलकनंदा, देवप्रयाग में गंगा नदी में मिल जाती है ।