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ऊष्मा और ताप: सरल शब्दों में अंतर समझें (Heat and temperature )

ऊष्मा किसे कहते हैं ?

ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है जो अणुओ की गतिज ऊर्जा के कारण उत्पन्न होती है । या आप यह कह सकते है कि जो एक वस्तु से दूसरी वस्तु में केवल तापांतर के कारण स्थानांतरित होती है ।

ताप किसे कहते हैं ?

ताप किसी वस्तु की ऊष्मीय अवस्था का माप है। यह दर्शाता है कि वस्तु कितनी गर्म या ठंडी है।

ताप में अंतर के कारण उष्मा का प्रवाह होता है ।
उष्मा का S I मात्रक जूल जबकि ताप का S I मात्रक केल्विन है ।

Note : 0k या -273℃ को परम शून्य तापमान कहते हैं ।
0k या -237℃ संसार का सबसे न्यूनतम तापमान हैं।
0K या -273℃ पर गैस का आयतन शून्य हो जाएगा अर्थात इस तापमान पर गैस ठोस का रूप ले लेती है ।
0.0℃ या 273.16K को जल का त्रिक बिंदु (triple point ) कहते हैं जिस पर जल की तीनों अवस्था अर्थात ठोस, द्रव और गैस अपनी अवस्था परिवर्तित नहीं करता है ।

मानव शरीर का तापमान 98.6°F या 37℃ होता है ।

उष्मा संचरण की विधि (Transmission of heat )

चालन , संवहन , विकिरण

चालन (Conduction)
यह उष्मा संचरण की वह विधि है जहाँ उष्मा का संचरण एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिना अणुओं के गति की होती है ।

ठोस में ऊष्मा का संचरण इसी विधि द्वारा होता है ।
यह उष्मा संचरण की सबसे धीमी गति है ।

संवहन (Convection )
इस विधि में अणुओ की गति के कारण , उष्मा का संचरण एक स्थान से दूसरे स्थान तक होता है ।
द्रव और गैस में ऊष्मा का संचरण इसी विधि द्वारा होता है ।
चालन की तुलना में इसमें उष्मा का संचरण अधिक तेजी से होता है ।

विकिरण (Radiation )

उष्मा का संचरण बिना माध्यम के या माध्यम रहने पर माध्यम को बिना गर्म किये होता है ।
उष्मा संचरण की सबसे तीव्र विधि विकिरण है ।

सूर्य की ऊष्मा पृथ्वी तक पहुँचती है , विकिरण विधि द्वारा , जबकि वायुमंडल गर्म होता है संवहन विधि द्वारा ।
भट्टी की ऊष्मा मनुष्य तक पहुचती है , विकिरण विधि द्वारा ।

ठंड के दिनों ने ऊनि कपड़ो का मुख्य कार्य है , शरीर की ऊष्मा को बाहर जाने से रोकना ।

टुंड्रा प्रदेशों में एस्किमो बर्फ की होहरी दीवार बनाकर रहते है क्योंकि दोहरी दीवार के बीच की हवा ऊष्मा की कुचालक होती है ।

ऊष्मा और ताप में क्या अंतर है

ऊष्माताप
ताप ऊष्मता की कोटि है ।

परम शून्य ताप क्या है । 2024 में इसका क्या उदाहरण दिया जा सकता है ।


परम शून्य ताप (-273.15°C या 0°K) तापमान का वह न्यूनतम स्तर है जिस पर किसी भी पदार्थ में कोई थर्मल गति नहीं होती है। इसका मतलब है कि परमाणुओं और उप-परमाणु कणों का कोई गतिज ऊर्जा नहीं होता है।

यह एक काल्पनिक अवधारणा है क्योंकि इसे वास्तविकता में प्राप्त करना असंभव है। वैज्ञानिकों ने परमाणुओं को बहुत कम तापमान तक ठंडा करने में सफलता हासिल की है, लेकिन परम शून्य तक नहीं।

2024 में परम शून्य ताप के कुछ उदाहरण:

अंतरिक्ष विज्ञान: वैज्ञानिक ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों का अध्ययन करने के लिए परम शून्य तापमान के करीब ठंडा किए गए पदार्थ का उपयोग करते हैं।
चिकित्सा: सुपरकंडक्टिंग चुंबकों का उपयोग एमआरआई स्कैनर और कैंसर उपचार में किया जाता है। ये चुंबक परम शून्य तापमान के करीब ठंडा किए जाते हैं।
कंप्यूटर विज्ञान: सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग अगली पीढ़ी के सुपरकंप्यूटर बनाने के लिए किया जा सकता है। ये इलेक्ट्रॉनिक्स परम शून्य तापमान के करीब ठंडा किए जाते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल कुछ उदाहरण हैं। परम शून्य तापमान का उपयोग कई अन्य क्षेत्रों में भी किया जा सकता है।

अतिरिक्त जानकारी:

परम शून्य तापमान की अवधारणा 19वीं शताब्दी में विकसित की गई थी।
परम शून्य तापमान पर, गैसें तरल और ठोस बन जाती हैं।
परम शून्य तापमान पर, सभी रासायनिक प्रतिक्रियाएं रुक जाती हैं।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी!

ऊष्मा का सबसे अच्छा चालक कौन है ?

चाँदी और तांबा

ऊष्मा का सबसे कम चालक कौन है ?

सीसा

कौन सी धातु ऊष्मा की कुचालक होती है

लेड और मर्करी

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