अयोध्या राम मंदिर की फंडिंग कौन कर रहा हैं । किसने राम लला की मूर्ति बनाई और किस पत्थर का इस्तेमाल किया गया है ।
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श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं:
✓ रामलला की 51 इंच की प्रतिमा मैसूरु (कर्नाटक) के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई है।
✓ मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है।
✓ मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
✓ मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे।
✓ मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।
✓ मंदिर में 5 मंडप होंगे:
- नृत्य मंडप,
- रंग मंडप,
- सभा मंडप,
- प्रार्थना मंडप व
- कीर्तन मंडप
✓ खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
✓ मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा।
✓ दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
✓ मंदिर के चारों ओर चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी।
✓ परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा।
✓ मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा।
✓मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
✓ दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।
✓ मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है।
✓ मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।
✓ मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।
✓ मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे।
✓ 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी।
✓मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी।
✓ मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा।
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट
✓श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित होने वाले न्यास का नाम है।
✓भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 05 फरवरी 2020 को लोकसभा में राम मंदिर पर चर्चा के दौरान घोषणा की थी कि राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट का नाम ‘श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा।
✓इस ट्रस्ट का सिद्धांत वाक्य रामो विग्रहवान् धर्मः (राम, धर्म के मूर्त रूप हैं।) है।
✓रामजन्म भूमि के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी हैं।
✓इस ट्रस्ट का उद्देश्य अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण और प्रबंधन करना है
✓श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी सदस्य हैं जिनमें 12 भारत सरकार द्वारा मनोनीत और 5 सदस्य पहली बैठक में निर्वाचित किए गए थे।
मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
✓रामायण, एक हिंदू महाकाव्य जिसका प्रारंभिक भाग पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व का है, बताता है कि राम की राजधानी अयोध्या थी।
✓ अयोध्या सरयू नदी के किनारे अवस्थित एक पौराणिक शहर है।
✓स्थानीय हिंदू मान्यता के अनुसार, अयोध्या में अब ध्वस्त बाबरी मस्जिद का स्थान ही राम का सटीक जन्मस्थान है।
✓माना जाता है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण 1528-29 के दौरान ‘मीर बाकी’ द्वारा किया गया था, जो मुगल सम्राट बाबर (1526-1530) का कमांडर था।
✓6 दिसंबर 1992, में अयोध्या पहुंचे हजारों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया। इसकी जगह इसी दिन शाम को अस्थायी मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी।
✓केंद्र की तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य की कल्याण सिंह सरकार सहित अन्य राज्यों की भाजपा सरकारों को भी बर्खास्त कर दिया था।
✓अप्रैल 2002 में उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने विवादित स्थल का मालिकाना हक तय करने के लिए सुनवाई शुरू हुई।
✓ उच्च न्यायालय ने 5 मार्च 2003 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को संबंधित स्थल पर खुदाई का निर्देश दिया।
✓22 अगस्त 2003 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने न्यायालय को रिपोर्ट सौंपी ।इसमें संबंधित स्थल पर जमीन के नीचे एक विशाल हिंदू धार्मिक ढांचा (मंदिर) होने की बात कही गई।
✓वर्ष 1885 में राम जन्मभूमि के लिए लड़ाई अदालत पहुंची। जब, निर्मोही अखाड़े के मंहत रघुबर दास ने फैजाबाद के न्यायालय में स्वामित्व को लेकर दीवानी मुकदमा दायर किया।
✓आजादी के बाद पहला मुकदमा हिंदू महासभा के सदस्य गोपाल सिंह विशारद ने 16 जनवरी, 1950 को सिविल जज, फैजाबाद की अदालत में दायर किया। विशारद ने ढांचे के मुख्य गुंबद के नीचे स्थित भगवान की प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की मांग की।
मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:
प्रयुक्त पत्थर | मकराना पत्थर (राजस्थान) |
निर्माण करने वाली कंपनी | लार्सन एंड टूब्रो |
अयोध्या शहर का पुराना नाम | साकेत नगर |
अयोध्या हवाई अड्डा का नाम | महर्षि वाल्मिकी हवाई अड्डा |
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में कुल सदस्य | 15 |
✓राम जन्मभूमि क्षेत्र में 2.7 एकड़ में राम मंदिर बन रहा है।
✓ये तीन मंजिला होगा और इसकी ऊंचाई 162 फीट होगी।
✓मंदिर परिसर में राम मंदिर के अलावा छह और मंदिर बनाए जा रहे हैं।
✓मंदिर का मुख्य द्वार ‘सिंह द्वार‘ के नाम से जाना जाएगा।
✓सिंह द्वार के जरिए जैसे ही मंदिर में प्रवेश करेंगे, सामने आपको नृत्य मंडप, रंग मंडप और गूढ़ मंडप भी दिखेगा।
✓मंदिर परिसर में सूर्य देवता, भगवान विष्णु और पंचदेव मंदिर भी बन रहा है।
✓प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब मंदिर को आम लोगों के लिए खोला जाएगा तो हर दिन डेढ़ लाख श्रद्दालुओं के आने की उम्मीद है।
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