1957 की क्रांति की शुरुआत , राजनीति करना , आर्थिक कारण , इसका नेतृत्व और इसके परिणाम क्या हुई । बुद्धिमानो में क्या क्या कहा है सब कुछ इस लेख में विस्तार से बताया गया है ।
1857 की क्रांति का तात्कालिक कारण क्या था ?
1857 की क्रांति का तात्कालिक कारण नय इन्फ्रेट्री राइफल जिसमे प्रयोग होने वाला कारतूस पर गाय और सुअर का कवर लगा होना । इस राइफल को फरवरी 1857 से प्रयोग में लाया जाने लगा ।
जिसका प्रयोग करने से सर्वप्रथम 29 मार्च 1857 को मंगल पांडय ने विरोध किया । अपना सार्जेंट बाग की हत्या कर दिया ।
मंगल पांडय कौन था
मंगल पांडय 34वां रेजिमेंट का सिपाही था । 34वां रेजिमेंट को सार्जेंट की हत्या के बाद भग कर दिया गया था और बैरकपुर छावनी के सैनिकों को मेरठ ट्रान्सफर कर दिया गया ।
9 मई 1857 को मेरठ के 85 सैनिकों को कोर्ट मार्शल कर कारागार में बंद कर दिया गया। जिससे आक्रोशित सैनिक ने 10 मई 1857 को विद्रोह कर दिया । 11 मई को दिल्ली पहुच कर बहादुर शाह जफर को भारत का बादशाह घोषित किया। कानपुर में नाना शाहब ने अपने आपको बादशाह का पैशबा घोषित किया ।
1857 की क्रांति की प्रकृति पर विद्वानों में मतभेद
- B.D.सावरकर पहला विद्वान थे जिन्होंने इस क्रांति को प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम संबोधित किया ।
- लौरे-सिले ने इसे सिपाही विद्रोह कहा था ।
- आउटराम एवं लेटर में इस विद्रोह को हिंदू एवं मुस्लिमों के द्वारा ईसाइयों के विरुद्ध षड्यंत्र कहा
- इंग्लैंड के प्रधानमंत्री एवं साहित्यकार डिजाराइली ने इसे राष्ट्रीय विद्रोह कहां ।
- L.R. रिज ने इसे विद्रोह को धर्म युद्ध कहा ।
- T.R. होम्स ने विद्रोह को सभ्यता एवं बर्बरता के बीच का संघर्ष कहा ।
- रमेश चंद्र मजुमदार ने इसे प्रथम न हीं राष्ट्रीय और न ही स्वतंत्रता संग्राम केवल विद्रोह कहा ।
- जबकि प्रोफेसर सेन ने इसे राष्ट्रीयता के अभाव में स्वतंत्रता संग्राम कहा ।
1857 केके विद्रोह का नेतृत्व करता
नेतृत्व | स्थान |
बहादुर साह जफर एवं बख्त खां | |
नाना साहेब | कानपुर |
मोहब्बत अजीमुल्ला | फतेहपुर |
मोहब्बत अहमद उल्ला | फैजाबाद |
वीर कुमार सिंह | जगदीशपुर |
रानी लक्ष्मी बाई | झांसी |
बेगम हजरत महल एवं उसका पुत्र वृपिशा कादिर | लखनऊ |
मोहब्बत वीर |
1857 के विद्रोह असफलता का कारण
वैसे तो कई कारण है जिसमें से प्रमुख कारण निम्लिखित हैं ।
- शिक्षित एवं मध्यम वर्ग का विद्रोह से अलग रहना ।
- कुशल नेतृत्व का अभाव
- विद्रोहियों के पास परिवहन , रसद ( खाने-पीने ) एवं गोला बारूद का अभाव होना ।
- विद्रोह का समय से पहले प्रारंभ हो जाना
- विद्रोह की निर्धारित तारीख 21 मई से पहले शुरू हो जाना ।
- विद्रोही नेताओ में दूरसंचार का अभाव होना ।
1857 के विद्रोह का परिणाम
#01 ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त एवं ब्रिटिश महारानी का शासन प्रारंभ
Note :- 1876 का अधिनियम के आधार पर विधिवत रूप से महारानी विक्टोरिया को भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया और इसके लिए 1877 में प्रथम दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया ।
#02 :- पीला योग के सिफारिश पर भारतीय सेना का पुनर गठन किया गया जिसमें उच्च वर्ग के लोगों को सेना में कम बहाली किए जाने का प्रयास किया गया ।
#03 :- गवर्नर जनरल को वायसराय कहा जाने लगा
#04 :- भारत की शासन के लिए इंग्लैंड में भारत सचिव के नाम से एक नया पद का गठन किया गया जिनकी सहायता के लिए 15 सदस्य का भारतीय परिषद का गठन किया गया ।